How gene therapy could cure cancer – In News | Drishti IAS

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नमस्कार साथियों दृष्टि आईएएस की न्यूज़ प्रोग्राम में आप सभी का स्वागत है आज एक ऐसी घटना की बात करेंगे जो शायद हमारा भविष्य बदल सकती है 13 साल की एलआईसी लंका शहर में रहती है और उसको पिछले 3 साल से कैंसर की बीमारी थी कैंसर की बीमारी में हर तरीके का इलाज जो हो सकता है एलआईसी और उसके परिवार ने लिया लेकिन कुछ ठीक होने की तरफ उनकी बीमारी नहीं बधाई और अंत में एक ऐसे प्रयोग की तरफ वो बड़े जो शायद दुनिया में बहुत नया था और दुनिया उसे पहचान से उसे पर कम करने से उसको लेने से थोड़ा सा भाई मानती थी लेकिन एलआईसी बहुत बहादुर लड़की थी एलआईसी ने इसका इलाज किया उसे इलाज को अपने ऊपर लिया और शायद दुनिया को एक ऐसी नई तकनीक पर और ज्यादा थोड़ा सा भरोसा दे दिया इसकी चर्चा हम बहुत दिनों से कर रहे द जिसकी चर्चा यूपीएससी के एग्जाम में भी हो चुकी है और वो तकनीक जो शायद हमारा भविष्य भी बन सकती है बात करेंगे की कैंसर का इलाज कैसे कर सकते हैं और भविष्य हमारा क्या हो सकता है जैसा हमने बात की की 13 साल की एलआईसी शर्ट lifoblastic ल्यूकेमिया उसको था और ये इतनी गंभीर बीमारी है ब्लड कैंसर इस बीमारी है जो शायद ठीक होने वाली भी नहीं होती है लेकिन हमने कैसे ठीक किया कौन सी तकनीक है जो आई है और क्या भविष्य हो सकता है कैंसर का उसे सब पर बात करेंगे एक बार चर्चा के बिंदु देख लेते हैं आज चूंकि चर्चा हमारी क्या आंसर पर ही रहेगी तो कैंसर क्या है सबसे पहले समझेंगे कैंसर कितने प्रकार का होता है कैसे-कैसे हो सकता है इसका उपचार कितने प्रकार से किया जा सकता है और आज तक विद्यमान जो भी taknike हैं हमारे पास वो किस प्रकार की है अभी हमने क्या नई खोज की है और इसका भविष्य क्या है इसके अलावा अंत में देखेंगे की आगे का रास्ता क्या है और प्रश्न एक आपके लिए अंत में जो आपकी तैयारी में मदद कर सकता है यह खबर है हो जीन थेरेपी को चोर कैंसर इसका नाम हम जिन थेरेपी कहेंगे जींद थेरेपी यह काफी चर्चा में भी पिछले सालों भी रहा और अब चुकी स्नेक मुकम्मल इलाज किसी व्यक्ति को दिया है और आगे भी देने की कुवत रखता है तो ये इंपॉर्टेंट हो जाता है पहले कैंसर को समझते हैं की कैंसर क्या होता है हमारा शरीर कोशिकाओं से बना होता है और कोशिकाएं निरंतर विकसित होती रहती है और नष्ट भी होती रहती है उनके बढ़ाने का एक सामान्य क्रम होता है लेकिन जब कोशिकाएं असामान्य तरीके से बढ़ाने लगती है या असामान्य तरीके से वृद्धि या कमतरी करने लगती है तो उसे हम कैंसर कहते हैं जब यह नियंत्रण से बाहर हो जाती है कोशिकाओं का विकास जब नियंत्रण से बाहर हो जाए उसे हम कैंसर कहते हैं कोशिकाएं जींस के द्वारा नियंत्रित होती हैं और जींस के विकास करने का और स्वस्थ कोशिकाएं बनने का एक नियम होता है लेकिन जब कोई कोशिका कैंसर ग्रस्त हो जाती है तो वो अपने आप में अनियंत्रित हो जाती है और उसे ही हम कैंसर सेल कहते हैं या कैंसर शरीर कहते हैं वो जहां होती है उसके हिसाब से उसका नामकरण किया जाता है यह किस कारण से होती है या तो कोई अनुवांशिक बदलाव होता है या किसी प्रकार का म्यूटेशन जब होता है तो कैंसर हम मानते हैं किसी सेल को और बच्चों में कैंसर की तब्दीली का नतीजा में ली जो अनुवांशिक परिवर्तन है या जो म्यूटेशन है उसको हम ज्यादा तौर पर मानते हैं लगभग 200 प्रकार से ज्यादा का कैंसर होता है पुरी दुनिया में आज तक वैसे मैनली बहुत आर्ट से 10 प्रकार के कैंसर का अपने नाम सुना होगा लेकिन 200 प्रकार से भी ज्यादा का कैंसर पाया गया है जब रिसर्च की गई है तो एक चीज होती है ट्यूमर कैंसर शुरू होता है किसी एक सेल से यानी की कोई एक पार्टिकुलर सेल जब अपने नियंत्रण से बाहर हो जाती है वो इस प्रकार से बिहेव करती है जब वह अपने जींस द्वारा कंट्रोल नहीं की जा सकती है की किसी कोशिका को क्या करना है जो उसके जीन जो उसको आदेश देते हैं उनका पालन नहीं करती है तो उसके बाद वो बढ़ते बढ़ते उसका ऐसे गुच्छा जब बन जाता है तो उसे गुच्छे को हम कहते हैं ट्यूमर तो कैंसर सेल्स का गुच्छा उसे हम ट्यूमर कहते हैं और वो शरीर में कहीं भी हो सकता है ल्यूकेमिया जो होता है वो खून के जरिए शरीर में बाकी हसन में फैलता है जैसे मैंने आपसे पहले कहा टी सेल यू कामिया जो एलआईसी को था तो टीसीएल ल्यूकेमिया एक प्रकार का कैंसर है ल्यूकेमिया अपने आप में कैंसर है जो खून के जरिए शरीर के दूसरे हसन में पहुंचता है और जब किसी हिस्से में ठोस गांठ बन जाती है कैंसर की मैन लीजिए किसी को ब्रेस्ट कैंसर है और ब्रेस्ट में अगर ठोस गांठ बन जाती है और वो दूसरे हसन में विजय ट्रेवल करती है तो उसको हम कहते हैं मेटास्टैटिक या याद रखिएगा आगे जो जब हम बात करेंगे कैंसर के डिफरेंट डिफरेंट टाइप्स की उसमें आपको बहुत समझने में आसानी होगी शरीर के जिस हिस्से में सबसे पहले कैंसर पाया जाता है या पनपता है उसको हम प्राइमरी ट्यूमर कहते हैं यानी की किसी को लंग्स से स्टार्ट हो सकता है किसी को ब्रेस्ट से हो सकता है किसी को ब्रेन से हो सकता है या किसी अन्य हिस्से से भी हो सकता है ब्लड से भी हो सकता है तो जहां सबसे पहले डिटेक्ट किया जाएगा उसे हम कहेंगे प्राइमरी ट्यूमर और जब वो जहां बाद में जो गांठ फैलती जाएगी उसे मेटा स्टेटस हम कहेंगे अब मैन लीजिए मेटास्टैटिक जो है वह कैंसर का प्राइमरी ट्यूमर है अगर किसी के हिस्से किसी के पैर में कुछ ट्यूमर हो जाता है और वो किसी दूसरे हिस्से में पहुंच जाता है तो हम उसको फिर भी पैर का ही कैंसर कहेंगे या मैन लीजिए ब्रेन में होता है तो पहले ब्रेन का हम उसको कैंसर कहेंगे ना की जिस हिस्से में वो पहुंच गया है उसका कैंसर हम कहेंगे ये बात याद रखिएगा अब चलते हैं आगे तो अब कैंसर के उपचार पर बात करते हैं की कैंसर का उपचार कितने तरीके से हो सकता है हमारे पास कौन-कौन सी प्रणालियों हैं और हम कैंसर को अभी कैसे ठीक करते हैं लेकिन उससे पहले जान लेते हैं की कैंसर के बारे में कुछ बेसिक सी अवधारणाएं हैं अगर उपचार पहले करना है तो हमें जानना पड़ेगा की आपको कैंसर का कौन सा प्रकार है और प्रकार जानने के बाद हमने देखना पड़ेगा की ट्यूमर है कहां पर जो डॉक्टर्स होते हैं वो इन पैरामीटर्स पर उपचार को शुरू करते हैं की आपको कैंसर का कौन सा प्रकार है ट्यूमर कहां पर है आप पहली बार ग्रसित हुए हैं आप बार-बार ग्रसित होते हैं दो-तीन बार हो चुके हैं आपकी उम्र कितनी है आपको कौन से चरण का कैंसर है और उसका फैलाव कितना है तो ये कुछ फैक्टर्स होते हैं जो डिसाइड करवाते हैं की आपको कौन सा एलॉयज दिया जाएगा अब देखते हैं की कितने प्रकार का होता है के उपचार करने से पहले अगर कैंसर का उपचार करेंगे तो उससे पहले हमें पता होना चाहिए की कौन से स्टेज में है किस प्रकार का कैंसर है कहां पर है और कितने प्रकार के होते हैं उन प्रकारों में से कौन सा प्रकार है तो ब्लड कैंसर होता है इसे हम शर्ट फेफड़े का कैंसर है जो अमूमन धूम्रपान करने से या किसी प्रकार का मद्यपान करने से या गुटखा खाने से इस प्रकार से होता है और ब्रेन कैंसर जो है वो ट्यूमर के फॉर्म में होता है जैसे मैंने आपसे कहा की एक सेल होगी उसके बाद वो फैलती जाएगी एक गांठ बनेगी और धीरे-धीरे वो पूरे मस्तिष्क को अपने कब्जे में ले लेगी स्थान कैंसर होता है केवल महिलाओं में होता है पुरुषों में ये कैंसर नहीं पाया जाता है और इसका सिंपल इलाज जो है वो आगे देखेंगे एक इसका इलाज करते हैं की पूरे हिस्से कोई शरीर से हटा दिया जाता है और उसके बाद है स्किन कैंसर स्किन कैंसर बेसिकली आजकल ऐसा देखा गया है ओजोन शरण के कारण के जो देश सूरज की लगातार गर्मी प्राप्त करते हैं ज्यादा मात्रा में गर्मी प्राप्त करते हैं उन देशों में ज्यादा होता है भारत जैसे देशों में भी खासकर हरियाणा कर्नाटक केरल और मिजोरम ये कुछ एरियाज हैं जहां पर स्किन कैंसर के ज्यादातर मामले पाए गए हैं उन देशों के अलावा जहां पर सूरज डायरेक्ट करता है स्किन को इलाज कौन-कौन से हैं जो आज तक हमें पता है आपने सुना होगा किमो थेरेपी है यह सबसे आसान या सबसे कही के पॉप्युलर इलाज जो है कैंसर के उनमें से एक है युवराज सिंह को जब कैंसर हुआ तो कीमत थेरेपी के द्वारा ही उन्हें ठीक किया गया था अभी जब इनका हम जिक्र कर रहे हैं अब जब हम एलिसा का जिक्र कर रहे हैं तो अलीशा को भी पहले कीमत दी गई थी कीमोथेरेपी में क्या होता है की आपको ऐसी दवाइयां दी जाती हैं जो पार्टिकुलर कैंसर है सेल्स को मरने का कम करती है बहुत हार्ड पावर की दवाइयां होती है अक्सर आपने देखा होगा की कीमत है रिप्रेजेंट की की जाती है उनके बाल उद जाते हैं या बाल गिर जाते हैं बाल चले जाते हैं और एलिसा ने भी ऐसा ही किया था अपने बालों को उन्होंने डैन कर दिया था यह कहते हुए की ऐवेंंचुअली दे विल गो आवे तो महीने डैन ही कर देती हूं फिर रेडिएशन थेरेपी रेडिएशन थेरेपी में मोस्टली एक्स-रे का प्रयोग किया जाता है यानी की एक्स रेस को इंजेक्ट किया जाता है उसे पार्टिकुलर एरिया पर जहां पर कैंसर गांठ बनी हुई है और ट्राई किया जाता है कोशिश करते हैं की उसे ठीक किया फिर सर्जरी होती है सर्जरी में सिंपली यह होता है की आप पार्टिकुलर एरिया को काटते काट के अलग कर दे या उसे ट्यूमर को हटा दे उसे गांठ को वहां से हटा दें हार्मोन थेरेपी जिसे आज हम जीन थेरेपी भी बोलेंगे वह एक बढ़ती हुई लगातार एक विधा है जिसको हम ओवर कम करने का या जिसमें से दस्त होने का प्रयास कर रहे हैं इम्यूनोथेरेपी में आपकी इम्यून सिस्टम को मजबूत बना करके कैंसर का उपचार किया जाता है जैसे टी सेल ल्यूकेमिया का भी एक इलाज है की आपके ज्योति सेल्स हैं उनको इतना इम्यून सिस्टम इतना मजबूत बना दिया जाए आपका टी सेल्स के साथ-साथ की वो अपने आप में उसका आंसर से लड़ सके टारगेट थेरेपी ये सर्जरी के तरह की है की सिर्फ उसे हिस्से का इलाज करना जहां पर टारगेटेड ट्यूमर है स्टेम सेल ट्रांसप्लांट है स्टेम सेल अभी हम उसे प्रकार से उसे नहीं करते हैं स्टेम सेल आप जानते होंगे की भ्रूण से आपके इस टाइम सेल्स को लेने की एक प्रक्रिया है और वह डायरेक्टली एक ऐसा अंग बनाने की जो क्षतिग्रस्त हो गया है मैन लीजिए आपके जिस हिस्से में कैंसर है तो स्टेम सेल से उसका उपचार वैसा ही अंग माना कर किया जा सकता है इसे भी हम भविष्य का विज्ञान बोल सकते हो आज से 10:50 सौ साल बाद ऐसा विज्ञान विकसित हो जाए की हम स्टेम से मानव अंग बनाने शुरू कर है और उनको ट्रांसप्लांट कर दे जहां पर कैंसर हुआ है वहां पर बायोमार्क टेस्टिंग होती है और प्रेसीजन मेडिसिन होती है यह दोनों ऐसे तरीके की तरह ही होती है की पार्टिकुलर एक मेडिसिन आपको दी जाती है प्रिसक्राइब की जाती है जो आपकी तुम को हटा सके और biomarket टेस्टिंग अभी तक बहुत कम उसे किए जाने वाली एक विधा है जिसको हम आगे भविष्य का उपचार भी कहेंगे तो नई खोज क्या हुई है वो देखना है नई खोज क्या हुई है अलीशा ने एक ऐसी विधा को जन्म दिया है या उसमें सफलता हासिल करवाई है जो हमारे लिए आवश्यक है तो ब्लड कैंसर की बीमारी थी अलीशा को और जूस के शर्ट हमारी रोग प्रतिरोधक क्षमता को बढ़ते हैं या शरीर की प्रतीक्षा करते हैं वाइरस से बैक्टीरिया से वह उसके शरीर के खिलाफ हो गई थी यानी की जिसका कम रक्षा करने का है वह जब आपके ही खिलाफ हो जाए तो सोचिए की फिर आप कहां तक बच पाएंगे इसका उपचार हम करते हैं कीमोथेरेपी और विकिरण चिकित्सा यानी की सराय से या कीमोथेरेपी से हम इसका इलाज करते हैं लेकिन एलिसा पर किसी भी उपचार ने कम नहीं किया और फिर यूनिवर्सिटी कॉलेज लंदन और ग्रेट और मिनिस्ट्री हॉस्पिटल यहां पर टेस्ट चल रहे द जो हमारी जीन थेरेपी है या जिसको हम बेस एडिटिंग कहते हैं उसके टेस्ट चल रहे द और अलीशा ने यहां पर अपना एडमिशन कराया और बाद में अपने आप को ठीक करने के लिए एक ऑब्जेक्ट की तरह कहे की वहां पर सबमिट हुई थी की उसको लगता था की उसकी मृत्यु निश्चित है और किसी प्रकार से अगर वह बच सकती है तो यह टेस्ट सी है और उसने बचने का प्रयास किया और अंततः विजेता के तौर पर बाहर आई इसमें होता क्या है करते क्या है दरअसल यह समझिए इसमें जिसे आप जानते होंगे जिन एडिटिंग वहां इसको नाम दिया गया है बेस एडिटिंग तो इसमें आपके जेनेटिक कोड को बदला जाता है यानी की जो आप जानते होंगे डिफरेंट परम्यूटेशन कांबिनेशन से बनता है ये चार बेसिस है और इन बेसिस के अलग-अलग कांबिनेशन से हमारा जेनेटिक कोड बनता है तो उसे कोड को अल्टर करके उसे कोड को अल्टर करके इस प्रकार के सेल्स को नष्ट किया गया इस प्रकार के सेल्स को बनने से रोका गया जो कैंसर सेल्स होते हैं और यह प्रयोग सफल रहा अलीशा की जान बच गई और जो उसकी टी कोशिकाएं थी वह अंततः बन्ना बंद हो गई जो कैंसर कोशिकाएं थी और एक स्वस्थ कोशिकाओं ने जन्म लेना शुरू कर दिया हुआ कैसे सबसे पहले एक ऑब्जेक्ट से या कहें की दाता से लिए गए और उनकी सेल्स की एडिटिंग की गई एडिटिंग किस प्रकार से की गई उनको कोड नाम दिया गया cd7 है और वह इंजेक्ट कर दी गई अलीशा के शरीर में अब उनको इस प्रकार से एडिट किया गया की वह कैंसर सेल्स को खत्म कर दें और एलिसा के जो टी सेल्स हैं जो उसके शरीर के खिलाफ हो गए हैं उनको खत्म कर दे और एक नए टी सेल्स का विकास शुरू करें और जो कीमत है उसको दी जा रही थी उसके खिलाफ कोई रिएक्शन ना करें जब ऐसा किया गया तो वो प्रयोग सफल रहा और सफल रहने से अलीसा की जान बची और यह तकनीक हमारे पास आई आपने जीन को बदलने और तृतीय को ठीक करने की एक प्रक्रिया को सुना होगा जिसे हम crispark S9 के नाम से भी जानते हैं इस पर प्रश्न भी यूपीएससी 2018 में शायद पहुंच चुका है एक बार आज का हमारा अभ्यास प्रश्न देख लेते हैं जो crispark 9 से ही है समाचारों में आने वाला प्रोटीन क्या है 2019 में प्रश्न पूछा था आपके ऑप्शंस है लक्ष्य सादिक जीवन संपादित जी एडिटिंग में प्रयुक्त आणविक कैंची रोगियों को rogjanakon की ठीक से पहचान करने के लिए उपयुक्त उत्पादों को पीड़ित प्रतिरोधी बनाता है यदि अनुवांशिक रूप से रूपांतरित फसलों में संश्लेषित होने वाला एक साक्षी पदार्थ आपको इन चार ऑप्शंस में से बताना है की कौन सा ऑप्शन ठीक है ये 2019 में यूपीएससी के प्रीलिम सैनिक की जीएस पेपर वैन में पूछा जा चुका है आज की चर्चा को यहीं खत्म करेंगे आप अपने राय सुझाव प्रतिक्रिया हमें कमेंट बॉक्स में कमेंट जरूर करें और इसका आंसर भी कमेंट बॉक्स में लिखकर हमें बताएं और अगले एपिसोड में हम बताएंगे की इसका कौन सा आंसर ठीक है तो आज के न्यूज़ में इतना ही आपसे फिर मिलेंगे धन्यवाद [संगीत] [संगीत] [संगीत] …